इंद्र भगवान के नाराजगी का दंश झेल रहे हैं अन्नदाता।
किसानों के चेहरे पर छाई हुई है मायूसी।
संवाददाता ढोलबजवा अंबेडकर नगर। बताते चलें कि जब से किसानों ने धान की रोपाई किया है पर्याप्त मात्रा में वर्षा न होने के कारण अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है, खेतों में दरार पड़ गई है, आकाशीय बरसात न होने के कारण जैसे तैसे लोग अपनी फसल को बचाने में लगे हुए हैं, अगर किसानों ने अपने खेत में ट्यूबल की व्यवस्था न किया होता तो एक भी किसान अपनी फसल को उपजाऊ नहीं बना पाता, जब की अभी धान की फसल को तैयार होने में लगभग ढाई से 3 महीने का समय बाकी है अगर इसी तरह से समूचे क्षेत्र में सुखा पढ़ने की स्थिति जारी रही तो किसानों को अपनी फसल से हाथ भी धोना पड़ सकता है, जिसको लेकर किसान बहुत परेशान नजर आ रहे हैं, जहां एक तरफ किसान अपनी फसल के प्रति चिंतित हैं, वही नहर विभाग भी मूंक दर्शक बनी हुई है अगर नहर विभाग भी थोड़ी सी चिंता किसानों के विषय में करते तो ऐसी स्थिति कदापि उत्पन्न न होती।। नहरों में पानी न आने के कारण भी अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।