सभासदों की सदस्यता खत्म करने के मामले डीएम द्वारा दी गई नोटिस दिया ज़बाब
सभासदों ने नोटिस के जवाब की प्रति डीएम के अलावा प्रमुख सचिव नगर विकास,मंडलायुक्त अयोध्या को भेजी
स्वरूप संवाददाता टाण्डा अम्बेडकर नगर। नगर पालिका परिषद टाण्डा के तीन सभासदों को सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही के मामले में जिलाधिकारी द्वारा दी गयी नोटिस का जवाब आज बुधवार को तीनों सभासदों ने नगर पालिका परिषद टाण्डा में रिसीव करा दिया है साथ ही रजिस्टर्ड डाक से जिलाधिकारी को भी भेजा है।
बीते 22 अगस्त को नगर पालिका बोर्ड की बैठक में हुए हंगामे को लेकर अध्यक्ष व ईओ की संयुक्त रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने पत्रांक स0 808 दिनांक 24 अगस्त 2024 को जारी नोटिस जो बीते 27 अगस्त को नगर पालिका टाण्डा के अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से सभासद मो0 जाहिद,मो0 नसीम,जमाल कामिल को भेजी थी और नोटिस प्राप्ति के तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था।जिसपर आज तीनों सभासदों ने जवाब में बताया कि दिनांक 15 जून 24 को बोर्ड में बजट प्रस्ताव निरस्त होने से उतपन्न हुए गतिरोध को समाप्त करने के सम्बन्ध में दिनांक 13 अगस्त 24 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक की थी जिसमें जिलाधिकारी ने अध्यक्ष व ई ओ को बजट के आय व्यय का लेखा जोखा की प्रमाणित प्रति सभी सदस्यों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था लेकिन प्रति उपलब्ध नही कराई गई।22 अगस्त को बोर्ड की बैठक शुरू होते है सभी सदस्यों ने आय व्यय की सूची मांगी जिसपर अध्यक्ष ने कहा कि कोई लेखा जोखा नही दिया जाएगा।जब बोर्ड में महिला सदस्य पूनम सोनी ने चर्चा हेतु खड़ी हुई तो उन्हें मना कर दिया गया।और तीन सदस्य मो0 तारिक,राकेश गुप्ता व जुल्फिकार ने सभी सदस्यों को गाली देना शुरू किया जिसको लेकर हंगामा शुरू हुआ लेकिन अध्यक्ष व ईओ ने हंगामे को शांत करने हेतु कोई प्रयास नही किया ।सभासदों का कहना है कि उन्होंने ने कोई कदाचार नही किया बल्कि अध्यक्ष ही जोर जोर से चिल्लाने लगी और मेज पर हाथ मारने लगी।साथ ही बोर्ड की कार्यवाही में कहीं भी हंगामे के जिक्र नही है न ही घटना का जिक्र न ही निंदा प्रस्ताव लाया गया।और बिना लेखा जोखा के बजट प्रस्ताव लाया जाना विधिक नही है।सदस्यों ने पूरे घटना कर्म का हवाला व तथा बोर्ड कार्यवाही की प्रति तथा नगर पालिका अधिनियम की धाराओं की प्रति संलग्न करते हुए नोटिस को अविधिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की है।नोटिस के जवाब की प्रति जिलाधिकारी के अलावा प्रमुख सचिव नगर विकास,मंडलायुक्त अयोध्या को भी भेजी है।दूसरी तरफ सवाल यह खड़ा हो रहा है कि नगर पालिका के अध्यक्ष व ईओ बिना लेखा जोखा के बजट पास कराने हेतु जो दबाव बना रहे है जब किसी सदस्य को पता ही नही है कि बजट कितने का है किना कहाँ खर्च हुआ और क्या आय हुई तो बजट कैसे पास होगा इसमें बहुत बड़ा घोटाला है उसी को पास कराने हेतु नियम विरुद्ध ढंग से तीन सभासदों के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया व्हीनः पर जिलाधिकारी द्वारा सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही तो शुरू कर दी लेकिन वह बजट का लेखा जोखा सदस्यों को क्यों नही उपलब्ध कराया जा रहा है इस पर क्या कार्यवाही की जिसको लेकर टाण्डा की जनता चर्चा कर रही है।