कलेक्टर साहेब को व्हाट्सएप किया तो आ गया कलेक्टर आफिस से फोन !
खरगोन – बंधुओ, आपने देखा होगा असम की सरकार ने बाल विवाह में केसे देश के शादी शुदा वर्ग को मीडिया में बताया , हाथ में हथकड़ी , किसी की पत्नी गर्भवती , किसी का छोटा बेटा , बंधुओ चुकी मैं पत्रकार के अतिरिक्त एक कलाकार भी हु तो देखकर मन व्यथित हुआ , सरकार कानून का हवाला देकर इस कार्यवाही को अंजाम दे रही है , मुझे बताइए साहेब इस देश में सब कुछ कानून के हिसाब से चल रहा है क्या ?
यदि नही तो कोशिश जरूर कीजिए सभी कानून के हिसाब से चले , मेरा कहना है साब , भारतीय जनता पार्टी यदि देश को कानून के हिसाब से ही चलाना चाहती है तो सबसे पहले अपनी पार्टी के जो लोग कानून के विरुद्ध देश में , प्रदेश में लिप्त है उनके प्रति सख्त कार्यवाही करे , आश्चर्य तो यह है साब , प्रधानमंत्री के पी एम ओ , मध्यप्रदेश की सी एम हेल्पलाइन में अनेकों शिकायतो के बावजूद खरगोन के हायर सेकेंड्री क्रमांक दो में पदस्थ गणित के यू डी टी रवि शंकर महाजन के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही का नही होना यह सिद्ध करता है की इस शिक्षक के पीछे शायद राजनीतिक सहयोग है , आज से 26 वर्षो पूर्व खरगोन नही , संपूर्ण भारत से करोड़ो रुपया लेने के बाद , उस पैसे को केवल सदस्यो को ब्याज पर देना , सदस्य किस्त चूक जाए तो उससे ढाई सौ रुपए दंड लेना , उसके जीवन में कोई समस्या आ जाए तो लोन देने से पूर्व उसकी पूरी चेक बुक जिन कोरे चेक पर ऋण लेने वाले साइन होती थी , उस चेक पर कम्पनी द्वारा कम्पनी का नाम लिख कर , उसमे राशि भरकर निवेशक को नोटिस देना , शेयर धारक को कोर्ट में 138 धारा में 6 माह की सजा दिलवाना , क्या ग्वालियर से पंजीकृत प्रकाश स्मृति सेवा संस्थान को यह कंपनी एक्ट में अधिकार है ?
क्या एक कंपनी तंजीम ए जरखेज बनाना , फिर उस कम्पनी का नाम केंद्र से प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन बनाना , आम जनता से एक एक लाख रुपए लेना , उन्हे बदले में ग्यारह लाख की लालच , जमीन देने की बात करना , फिर बदल जाना , गरीबों को सस्ता मकान की बात करना , फिर बदल जाना !
क्या खरगोन की दोनो कम्पनी का डायरेक्टर रवि शंकर महाजन इतना ताकतवर है की प्रशासन और सरकार उसके आगे नतमस्तक है ?
कानून की नजर में यदि रवि शंकर महाजन सही है तो उसके खिलाफ लिखने वालो को प्रशासन कानून के दायरे में कार्यवाही करे या फिर रवि शंकर के विरुद्ध जांच तो करे !
जनता टूट जाती है साब !
आज कलेक्टर आफिस से आए फोन में कई बाते मैडम को बताई तो वे बोली मैं भी प्रकाश स्मृति की सदस्य हु , मुझे कलेक्टर आफिस से बताया गया , सी एम हेल्प लाइन की आपकी शिकायत को अब सूचना प्रकाशन को भेजा जा रहा है !
बंधुओ , सी एम हेल्प लाइन सरकार के नुमाइंदों पर शायद कार्यवाही नही कर पाएगी , ऐसा मुझे लगता है !
खैर जो भी हो , जब तक मेरे शरीर में प्राण है अन्याय , अत्याचार , गलत कार्यों के विरुद्ध लिखकर मैं इस देश की माटी का कर्ज चुकाता रहूंगा , आज ही नईदुनिया पढ़ा स्वामी दयानंद सरस्वती को भी षड्यंत्र पूर्वक विष देकर उनके प्राण ले लिए गए , लाल बहादुर शास्त्री , ओशो , राजीव दीक्षित को भी ऐसे ही मारा गया , मेरे पास तो नवंबर में ही मुंबई से एक मेरे हितेषी का मोबाइल आ गया था , संतोष भाई ये भू माफिया वाले कही तुमको क्षति ना पहुंचा दे , मेने जवाब दिया , जिंदगी जीवूंगा तो सत्य पर , भले ही उसके बदले मेरे प्राण चले जाए !
जय हिंद , जय भारत !🙏
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