जनता के आगे बेबस हुए भूमाफिया व राजस्व टीम के लोग
जमीन की पैमाइश करने गई राजस्व टीम को विरोध के कारण लौटना पड़ा वापस
टांडा नेहरू नगर ग्राम में स्थित थिरुआ नाले के पश्चिम स्थित बिछावट के नाम से मशहूर जमीन का था मामला
संवाददाता टाण्डा अम्बेडकर नगर। नगर के मोहल्ला नेहरू नगर अहाता ग्राम में स्थित थिरुआ नाले के पश्चिम स्थित बिछावट के नाम से मशहूर जमीन की पैमाइश करने गये राजस्व टीम एवं जमीन के कारोबारिओ को स्थानीय जनता व धोबी समाज के आक्रोश तथा घोर विरोध के कारण वापस जाना पड़ा।
बताते चलें कि गाटा संख्या 213,214,241 एवं 279 जो प्रसिद्ध साहित्यकार पत्रकार स्वर्गीय ध्रुव जायसवाल के नाम दर्ज थी लेकिन उनका निधन होने के बाद वह जमीन 9/10/23 को उनकी पत्नी श्री मती लक्ष्मी जायसवाल के नाम दर्ज हो गई हैं। स्थानीय लोगों के बताए जाने के अनुसार उक्त भूमि नाले के किनारे बिछावट के नाम से दर्ज हो गयी और उसपर धोबी समाज के लोग कपड़ा धुलकर फैलाते रहे जिस कारण वह जमीन सार्वजनिक उपयोग हेतु बिछावट दर्ज हो गयी थी, बीते वर्ष 30 जनवरी 2011 को ध्रुव जायसवाल जी निधन हो गया जिसपर वरास्तन उक्त जमीन उनकी धर्मपत्नी लक्ष्मी जायसवाल के नाम आ गयी। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि खतौनी में दर्ज बिछावट के नाम का कालम आखिर किसके आदेश से खतौनी से कटा हैं यह अभी पता नही चल सका है। यह
टाण्डा तहसील का सबसे बड़ा घोटाला है करोड़ों की बेश कीमती जमीन पर टाण्डा व जनपद स्तर पर सक्रिय भूमाफिया लगे हुए हैं। लोगों का आरोप है कि भू- माफिया उक्त जमीन का एग्रीमेंट कराकर कब्जा करना चाहते हैं। इस सम्बंध में राजस्व निरीक्षक ने बताया कि श्रीमती लक्ष्मी जायसवाल के नाम दर्ज खतौनी पर हद बरारी के आदेश पर आज पैमाईश के लिए गए थे स्थानीय लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि 40/50 वर्ष पहले ध्रुव जायसवाल ने लिखित में समझौते के तहत यह जमीन हम लोगों को दिया है राजस्व निरीक्षक ने बताया कि उक्त लोगों ने एक सप्ताह में अपना कागज दिखाने की बात की जिसपर हमलोग वापस चले आये।