आखिर तबादले के बाद भी जिले का मोह नहीं छोड़ पा रहा चकबंदी कार्यालय का लिपिक 

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आखिर तबादले के बाद भी जिले का मोह नहीं छोड़ पा रहा चकबंदी कार्यालय का लिपिक

 

तबादले के बाद रिलीव होने के बाद भी चकबंदी कार्यालय में जमा हैं कनिष्ठ सहायक

15 वर्षो से लगातर इसी जनपद में तैनात हैं पेशकार लिपिक पूरे कार्यालय में मचा रखा हैं भ्रष्टाचार

 

संवाददाता अंबेडकरनगर। विभागों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए शासन ने ट्रांसफर नीति लागू की हैं एक ही स्थान पर जमे कर्मियो और अधिकारियो का समय पूरा होने के बाद तबादला तैनाती वाले जनपद से हटाकर गैर जनपद भेज दिया जाता हैं। लेकिन यहां तो तबादले के बाद भी कार्यालय में कनिष्ठ सहायक जमा हुआ हैं। मामला चकबंदी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक का हैं। ट्रांसफर सत्र के जून महीने में तबादला हो गया जिसके बाद भी अभी तक कार्यालय का मोह नहीं छोड़ पा रहें हैं। लोग बताते है कि पूरे कार्यालय में लिपिक द्वारा भ्रष्टाचार मचाया गया जिसके कारण जनपद छोड़ने का मन नहीं कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह हैं की तबादले के बाद भी आखिर जिले का मोह कनिष्ठ लिपिक कृपा शंकर तिवारी को क्यों नहीं छोड़ रहा है। कही उच्चाधिकारियों की सह तो नही प्राप्त हैं कनिष्ठ लिपिक को।काफी दिनों से तैनाती के कारण जिले में अपना रसूख कायम कर चुका है कनिष्ठ लिपिक जिसका पूरा फायदा उठा रहा हैं।जनपद से वारणसी के लिए स्थानांतरण हुए कनिष्ठ लिपिक का कार्यालय में काफी भय और भ्रष्टाचार व्याप्त हैं। कार्यालय में जाने वाले लोगो से भी अभद्रता करता है।

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हाईकोर्ट में अपील किया हैं कनिष्ठ लिपिक:-चकबंदी सीओ

वही इस संबध में चक बंदी विभाग के क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि कनिष्ठ लिपिक कृपा शंकर तिवारी हाईकोर्ट में अपील किए और हाईकोर्ट ने चकबंदी आयुक्त से प्रत्यावेदन मांगा हैं। इसी कारण रुके हुए हाईकोर्ट और चकबंदी आयुक्त के अग्रिम आदेश का इंतजार हैं।

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वही इस संबध में सहायक चकबंदी अधिकारी आर के मौर्य से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक को कार्यालय से रिलिब कर दिया गया हैं। यहां से वेतन रोक दिया गया हैं। लिपिक जबरदस्ती कार्यालय में आकर बैठता हैं।

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चकबंदी कार्यलय में तैनात कनिष्ठ लिपिक की शिकायत उच्चाधिकारियों से कई बार की जा चुकी है इसके बाद भी हटने का नाम नही ले रहा है कही कनिष्ठ सहायक पर तो साहिबानो की कृपा तो नही बरस रही हैं।शिकायत कर्ता विनय कुमार पाण्डेय ने चकबन्दी विभाग में लिपिक /पेशकार चकबन्दी अधिकारी के पद पर कार्यरत कृपाशंकर तिवारी जनपद में 15 वर्ष से अधिक से कार्य कर रहें है और भ्रष्टाचार व दबंगई के दमपर आम जनमानस में भय पैदा किये हुए है। शिकायत पर चकबन्दी आयुक्त द्वारा इनका स्थानान्तरण जनपद वाराणसी में किया गया है।किन्तु इनके द्वारा अवमुक्त होकर वहाँ अपना कार्यभार ग्रहण न करके अवैध रूप से चकबन्दी न्यायालय में कार्य कर रहें है तथा भ्रष्टाचार कर रहें है। उक्त भ्रष्ट कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए जनपद से अवमुक्त कराकर जनपद वाराणसी में कार्यभारग्रहण करने हेतु निर्देशित करें। जिससे आम जनमानस को न्याय मिल सके।

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