खनन माफियाओं पर मेहरबान हैं राजस्व विभाग,खनन विभाग की भी बरस रही कृपा
खेत खलिहान को तालाब बना रहे खनन माफिया मौन हैं प्रशासन
संवाददाता इल्तिफातगंज अंबेडकरनगर।खनन विभाग हो या राजस्व विभाग अपनी कारस्तानी को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है, बेशक आरोप प्रत्यारोप लगते रहे लेकिन अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आते आखिर जब कोई फायदा नहीं तो फिर क्यों बदनामी लेने के लिए तैयार रहते है,यह बात आम जनता तो क्या मीडिया तक के समझ से परे हैं।
खनन माफियाओं के द्वारा हरे भरे खेतो को रौंद दिया जा रहा है यही नहीं खनन माफियाओं के द्वारा अच्छे खासे खेत खलिहान को तालाब बना दिया जा रहा चंद कौड़ियों के दाम पर यह मिट्टी खुदाई करते है फिर ऊँचे दाम पर बिक्री करते है,जहां जेसीबी मशीन का घण्टे के चार्ज पर चलाते हैं तो वहीं मात्र दो हजार से लेकर पच्चीस सौ रुपये तक एक बिश्वा जमीन की एक फुट खुदाई की कीमत देते हैं।यही मिट्टी ईंट भट्ठों पर कई गुना बढ़ोतरी हो जाती हैं।
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क्या ईंट भट्ठों का मानक
ईंट भट्ठों पर गिरने वाली मिट्टी के बारे में जानकारी नहीं प्राप्त किया गया तो जानकारी के मुताबिक मिट्टी की कोई रॉयलटी नहीं मिली ट्रेक्टर चालकों के मुताबिक यह मिट्टी किसानों द्वारा बेचीं जाती हैं तो उसे ईंट भट्ठों पर सप्लाई कर दिया जाता हैं अपनी मिट्टी के लिए कुछ किसान राजस्व विभाग को पत्र देकर खुदाई करते है।
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ईंट भट्ठों का मिट्टी मानक नियम
उत्तर प्रदेश में ईंट भट्ठों के मालिकों को कृषि योग्य जमीन से मिट्टी निकालने के लिए खनन विभाग से परमिशन लेनी होती हैं परमिशन देने से पहले अंचलाधिकारी(सर्कल ऑफ़िसर (CO)
से रिपोर्ट मांगी जाती है।मिट्टी निकालने वाली जमीन के बगल के किसानों से परमिशन की कोई आपत्ति तो नहीं दो मीटर से अधिक खुदाई भी नहीं कर सकते है।
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अवैध तरीके से संचालित जेसीबी मशीन
जिले के तहसील टांडा में कई दर्जनों की संख्या में जेसीबी मशीन संचालित हो रही हैं, रोज तेज रफ्तार से ट्रैक्टर ट्राली चालक दौड़ा रहे है, तमाम नाबालिग से गाड़ी चलवाई जा रही हैं,लेकिन सब कुछ देखते हुए भी राजस्व विभाग या खनन विभाग ध्यान नहीं दे रहा बगैर परमिशन के खेतों की खुदाई की जा रही हैं।
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क्या कहा खनन विभाग
इस विषय पर खनन इंस्पेक्टर ने बताया कि ईंट भट्ठों के परमिशन हैं जो किसान खेत की खुदाई करवा रहे वह राजस्व विभाग से परमिशन ले रहे हैं।