आखिर इन अनाथ बच्चियों का कौन बनेगा सहारा, नौ में में ही माता पिता और भाई का हो गया स्वर्गवास
सूचना के बाद भी खबर लेने नही पहुंचे तहसील व मुख्यालय के अधिकारी
मालीपुर थाना क्षेत्र के धमरुवा बाजार की निवासी हैं ये अनाथ दोनो बच्चियां
स्वरूप संवाददाता अंबेडकरनगर। दो बच्चियों की बदकिस्मती कहे अथवा ईश्वर का क्रूर मजाक जिनके पिता भाई समेत तीन परिवार की पिछले 9 माह में मौत हो जाने से दोनो किशोर बच्चियां बेसहारा हो गयीं। प्रकरण जलालपुर तहसील के धवरूवा गांव का है। गांव स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर के बगल में सुशील सोनी अपनी तीन बेटियों व दिव्यांग बेटा के साथ किसी तरह जीवन यापन कर रहे थे। इनकी पत्नी पति सुशील सोनी की आदतों से परेशान होकर सात वर्ष पहले घर छोड़ कर चली गयी। सुशील सोनी पत्नी के जाने के बाद नशे का आदी हो गया और घर की आमदनी ठप हो गयी। तीनो बेटियो की पढ़ाई कक्षा 5 तक ही हो पाई।बीते 12 अगस्त को सुशील सोनी बीमार हो गया जिसे उसका भाई राजकुमार सोनी जिला अस्पताल में भर्ती कराया इलाज के दौरान 17 अगस्त को उसकी मौत हो गयी। पिता की मौत से छह माह पहले उसका दिव्यांग बेटे की भी मौत हो गयी थी।पिता और बेटे की मौत के बाद अब परिवार में सिर्फ तीन बेटीयाँ अनुष्का 17 वर्ष,करिश्मा 14 वर्ष और तान्या 12 वर्ष के ऊपर पूरी गृहस्थी की जिम्मेदारी आ गयी। अगस्त में पिता की मौत के बाद बड़ी बेटी अनुष्का भी बीमार रहने लगी जिसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया।बीते 23 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गयी। गरीबी का दंश झेल रहे भाई राजकुमार सोनी ने उक्त दोनों का दाह संस्कार कर नाबालिग करिश्मा व तान्या को घर ले आया और घर मे रख कर अपने परिवार के साथ भोजन पानी की व्यवस्था करने लगा। दोनों लड़कियां करिश्मा व तान्या चाचा के साथ नहीं रह कर अनाथालय में जाने की जिद करने लगी। रविवार सुबह दोनों बेटियों की जिद के परेशान चाचा ने 112 डायल पुलिस बुला लिया और मदद की गुहार लगायी। जब यह बात पत्रकारों को पता चली तो दैनिक जागरण की टीम घर पहुंची और पूरी हकीकत की जानकारी ली।दोनों बच्चियों ने बताया कि हम लोग चाचा के ऊपर भार नहीं बनना चाहते इसलिए किसी ऐसी जगह हमें भेजा जाय जहां हमारे भरण पोषण व शिक्षा का प्रबंध हो।
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सूचना के तीन दिन बाद भी नही पसीजा अधिकारियों का दिल
सूचना के तीन दिन बाद भी तहसील और मुख्यालय के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा,जब कि अनाथ बच्चे और बच्चियों के लिए शासन ने तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं।फिर भी ये दो बच्चियां दवाई और पढ़ाई के लिए तरस रही हैं।अनाथ बच्चों के लिए शासन ने जिला प्रोबेशन कार्यालय स्थापित किया हैं। पूरी टीम भी जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में कार्य अनाथ बच्चों के लिए कर रही हैं। लेकिन इन अनाथ दो बच्चियों के परिवरिस के लिए प्रोबेशन विभाग भी सो रहा हैं।
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यह बोले उपजिलाधिकारी
उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल ने बताया कि किसी अनाथ के परवरिश की जिम्मेदारी सरकार की होती है। टीम भेज कर बच्चियों के रहने खाने और शिक्षा की व्यवस्था कराई जाएगी।
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यह बोले जिला प्रोबेशन अधिकारी
वही इस संबध में जिला प्रोबेशन अधिकारी राकेश कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि टीम भेज कर जांच कराकर आगे की कार्यवाही होगी।अनाथ बच्चों के लिए शासन स्तर से योजनाए संचालित हैं के माध्यम से मदद कराई जाएगी।