सोनभद्र उत्तर प्रदेश अदालत के फैसले के अनुसार अर्थदंड न देने पर दोषी को तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
वहीं, अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को देने के निर्देश है।
अदालत ने यह फैसला ढाई साल पुराने में मामले में सुनाया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दो अप्रैल 2022 को ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने ओबरा थाने में मामले की तहरीर दी थी।
इसमें में बताया था कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री को 29 मार्च 2022 को दोषी छविंदर शादी का झांसा देकर भगा ले गया था। इसके बाद पुलिस ने छविंदर के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी।
विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली देखने के बाद छविंदर को दोषी पाया।
इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया।