आम जनता के बाद अब अधिकारी हो रहे पुलिस शिकार,पैसे के आगे अधिकारी के प्रार्थना पत्र का नही लिया संज्ञान
जहांगीरगंज पुलिस पर अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत जहांगीरगंज ने लगाया वसूली के आरोप
संवाददाता अम्बेडकरनगर । जिले की पुलिस वसूली सहित कुछ न कुछ कारनामे को लेकर आए दिन चर्चा में रहती हैं। अब तक तो पुलिस आम जनता को वसूली का अपना शिकार बनाती थी लेकिन अब पुलिस अधिकारियों को भी अपना निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहीं हैं। मामला जनपद के जहांगीरगंज थाने से जुड़ा हैं। अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर जहांगीरगंज थाना की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए वसूली करने का आरोप लगाया है। अधिशाषी अधिकारी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी व अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी की संयुक्त टीम से मामले की जांच का निर्देश दिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रकरण मे दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जहांगीरगंज नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी विनय कुमार द्विवेदी क़े साथ नगर पंचायत के अध्यक्ष कथित प्रतिनिधि सुनील कुमार मौर्य निवासी जगदीशपुर और हिस्ट्रीशीटर सनी सिंह निवासी सिंहपुर सहित चार अज्ञात लोगो पर कार्यालय मे घुसकर मारपीट की। इसके साथ सरकारी दस्तावेज फाड़ दिया और जान से मारने की धमकी दी। अधिशाषी अधिकारी ने बताया कि मेरे साथ मारपीट हुई तो मारपीट घटना की तहरीर जहांगीरगंज थाना मे दिया तो पहले वहा मुकदमा दर्ज करने मे टाल मटोल किया गया। फिर मुकदमा पंजीकृत करने क़े लिए सौदा किया गया। जब तक पैसा नहीं दिया तब तक मुकदमा नही दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्यशैली को लेकर अधिशाषी अधिकारी विनय कुमार नें पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ से मामले की शिकायत किया।
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यह हैं पूरा मामला
गत दिनों जहांगीरगंज की चेयरमैन सुनीता का तथाकथित प्रतिनिधि बताने वाले सुनील मौर्य और उसके गुर्गे हिस्ट्रीशीटर शनि सिंह और चार पांच अज्ञात लोगों ने नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी विनय कुमार के साथ मारपीट की थी । अधिशासी अधिकारी ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि नगर पंचायत जहांगीरगंज की अध्यक्ष सुनीता के तथाकथित प्रतिनिधि सुनील मौर्य और उनके गुर्गों ने उनके साथ गाली गलौज और मारपीट किया उपस्थिति रजिस्टर और सरकारी कागजात फाड़ दिए और जान से मारने की धमकी भी दिया । लेकिन एक अधिशाषी अधिकारी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को जहागीरगंज पुलिस ने पैसे के आगे कोई तब्ज्जो नहीं दिया।अधिशाषी के अनुसार वसूली के बाद मुकदमा पंजीकृत किया गया।
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घटना के बाद से ही लीपा पोती में जुटी थी जहांगीरगंज पुलिस
नगर पंचायत जहांगीरगंज में ईओ के साथ हुई मारपीट की घटना नई नहीं है इसी घटनाएं सुनने में आती हैं लेकिन उच्चाधिकारियों और राजनैतिक दबाव में ज्यादातर सरकारी अधिकारी या तो समझौता कर लेते हैं अथवा उनका स्थानांतरण अन्यत्र करके मामले में लीपापोती कर दी जाती है। जहांगीरगंज पुलिस तथाकथित चेयरमैन प्रतिनिधि और उसके हिस्ट्रीशीटर मित्रों को संरक्षण देते हुए मामले में हिला हवाली घटना के बाद से ही शुरू कर दिया था। कार्यवाही के बजाय लीपा पोती में पुलिस लगी थी।
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थाने में हिस्ट्री शीटर सहित कथित प्रतिनिधि आरोपी की खूब हुई खातिर दारी
अधिशाषी अधिकारी के अनुसार वसूली के बाद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा तो पुलिस ने पंजीकृत कर लिया लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार थाने में बिठाकर खूब आवभगत की गई। गिरफ्तारी के बाद थाने में ऐसे सेवा सत्कार किया जा रहा था जैसे कोई नात रिश्तेदार थाने में आया हो। यहां तक कि मुकदमे में कम लिखा पढ़ी की गई ता कि विपक्षियों को जेल में न जाना पड़े और तत्काल जमानत पर रिहा हो जाएं।और हुआ भी वही जो जहांगीरगंज पुलिस की मंशा थी। जब कि प्रकरण में थाने का एक हिस्ट्री शीटर भी आरोपी था।
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पुलिस अधीक्षक ने गठित की जांच कमेटी
पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ नें प्रकरण में गंभीर आरोप को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी व अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी की संयुक्त टीम के द्वारा गहन जांच कराकर।जांच में जो दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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बोले अधिशाषी अधिकारी
वही इस संबंध में अधिशाषी अधिकारी विनय द्विवेदी से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि हमने पूरे प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से करते हुए मामले में न्याय की मांग की हैं।