अकबरपुर तहसील के सरकारी कुर्सियों पर नजर आए अनाधिकृत लोग, तहसील में दलालो का हैं जमावड़ा
सवालो के घेरे में है तहसील अकबरपुर के उपजिलाधिकारी का कार्यालय
न्यूज इंडिया डिजिटल के कैमरे में कैद हुई तहसील परिसर के सरकारी कुर्सियों पर बैठे अनाधिकृत लोगों की तस्वीरे
संवाददाता अम्बेडकरनगर। जनपद के अकबरपुर तहसील परिसर में तमाम लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है।अकबरपुर तहसील परिसर में उठ रहे सवाल पर उपजिलाधिकारी तमाम सवालों के घेरे में,बड़ा सवाल यह है कि तहसील परिसर के अंदर दलालों का जमावड़ा बना रहता है। यहां तक की शाम होने के बाद भी रात तक दलालों ने अपना दबदबा कायम बना रखा है।जिस पर उप जिलाधिकारी अकबरपुर किसी को कुछ कहना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए तहसील परिसर के अंदर राजस्व विभाग के कर्मचारियों की कुर्सी पर दलालों का कब्जा बरकरार है आपको बता दे कि लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, एसडीएम कोर्ट, माल बाबू ,के द्वारा प्राइवेट लोगों को रखकर काम करवाया जा रहा है।वही विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उप जिलाधिकारी के बाबू ने प्राइवेट मुन्शी रखा हुआ है।यहां तक कानूनगो और लेखपाल लोग भी प्राइवेट मुन्शी रखे हुए है समझ में नहीं आता इन लोगों को सरकार सैलरी कितनी देती है जो प्राइवेट मुन्शी तक रखे हैं।इनके साथ-साथ अन्य प्राइवेट मुंशी की भी भरमार तहसील परिसर के अंदर अपना दबदबा बना रखा है। तहसील परिसर के अंदर कैमरा तो लगा है लेकिन दलालों का उठना बैठना वर्जित नहीं है।सूत्र बताते हैं कि प्राइवेट मुंशी सिर्फ वसूली का कार्य करते है इस वसूली में से अपना सैलरी भी लेते हैं और अपने अधिकारियों का जेब भी गरम करते हैं।जिस पर उप जिलाधिकारी अकबरपुर सवालों के घेरे में आ चुके हैं। वही तहसील परिसर में पसरी गंदगी की ओर भी उच्च अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। तहसील परिसर में चारों तरफ फैली गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है।तहसील परिसर में अपने विभिन्न कार्यों हेतु आने वाली जनता नाक भव सिकोड़ते हुए देखी जा सकती है सरकारी शौचालय की व्यवस्था अवस्थित होने के कारण लोगों को प्रसाधन हेतु इधर-उधर कोनों का सहारा लेना पड़ रहा है।जिससे परिसर में दुर्गंध व्याप्त हो गई है।अब देखने की बात यह है की खबर चलने के बाद सोए हुए उप जिलाधिकारी अकबरपुर दलालों का आना वर्जित करेंगे या फिर मामले में लीपापोती करते हुए ऐसे ही दलालों का दर्द भरा कायम बना रहेगा।