जलालपुर अम्बेडकर नगर – न्यायालय में विचाराधीन मामला होने के बावजूद
पैमाइश कर विपक्षी को कब्जा दिला रहा लेखपाल
हर विवादित भूमि और न्यायालय में विचाराधीन भूमि पर हस्तक्षेप करते हैं लेखपाल
जनता यूं ही नहीं उदाहरण देती अंधा कानून फिल्म का ऐसे लेखपालों ने सही मानने पर विवश कर दिया है
लेखपालों के द्वारा बोले जाने वाला अधिकांश शब्द
नंबर 1
जैसा पोजीशन वैसी भाषा का प्रयोग करते हैं लेखपाल जहां जैसा जरूरत होगा वहां वैसा बोलेंगे कि मामला विचाराधीन है और जब तक कोर्ट फैसला नहीं देगा तब तक हम कब्जा नहीं कराएंगे पैमामाइश नहीं करेंगे,
नंबर 2
मामला विचाराधीन है इसलिए हम कुछ नहीं करते कोर्ट के फैसले का इंतजार कीजिए
नंबर 3
और कहीं-कहीं बोलेंगे कि आपका स्टे आर्डर नहीं है इसलिए हम नहीं मानेंगे हम पैमाइश करके कब्जा कराएंगे
सब बात का पोजीशन का एक निचोड़
इन लोग का दोहरा मापदंड रहता है जैसी डील वैसा फैसला जितनी लंबी डील उतने लंबे विकल्प से फैसला
बेचारी गरीब शोषित पीड़ित वंचित जनता
ऐसे लेखपालों ने गरीब शोषित पीड़ित वंचित जनता को बिल्कुल उलझा कर रख दिया आखिर जनता करे तो क्या करें और कैसे करें
और दूसरी तरफ सबसे बड़ी बात है उच्चाधिकारि लोग ऐसे लेखपालों के माया जालौ में और वक्तव्य में प्रभावित होकर उलझ जाते हैं
और लेखपालों के मुताबिक फैसला दे देते हैं जिससे लेखपालों के द्वारा किया गया लंबी डील बड़ी आसानी से सफल हो जाता है
इनका है मामला
धीरेन्द्र पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, शिवपूजन पाण्डेय पुत्रगण स्व राम अकबाल पाण्डेय ग्राम कबूलपुर थाना मालीपुर अम्बेडकर नगर के निवासी हैं
जमीन विवाद
आशोक पाण्डेय पुत्र राम आधार पाण्डेय से है गाटा संख्या 1731,1462, में बंटवारा का मुकदमा अपर आयुक्त के यहां विचाराधीन है और जुनियर डिवीजन अकबरपुर न्यायालय में भी विचाराधीन होने के बावजूद भी विपक्षी से मामला डील करके रविकांत तिवारी लेखपाल, पूर्व मुकदमा जलालपुर के आदेशों के आधार पर जबरन पैमाईस कराकर गाटा संख्या स्थिति गुवांवा जमालपुर 1731,1462 में पैमाइश करके जबरन कब्जा करवाना चाहते हैं
जब कि पीड़ित बार बार मुकदमा की नकल लेखपाल को दिखाता है फिर भी रसूखदार लेखपाल पीड़ित की एक भी बात नहीं सुनता है
लेखपाल के द्वारा विचाराधीन मामलों में हस्तक्षेप इसलिए किया जाता है कि वहां पर डील बढ़ जाती है
यही का प्रकरण नहीं है हम कई जगह देख रहे हैं कुछ लेखपाल हर विचाराधीन मामले में तो ऐसा कूद जाते हैं जैसे ऊपर से अमृत गिर गया हो
यह लोग दिन-रात प्रभु से मनाते हैं हे प्रभु दिनभर विचाराधीन मामला मिलता रहे
उच्चधिकारी लोग जहां 10:00 बजे से 12:00 तक कभी-कभी 2:00 बजे तक मैं देखता हूं कि शाम तक जनता की सुनवाई करते हैं समस्या के समाधान करते हैं
वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में कुछ लेखपाल लोग सिर्फ कमाने का काम करते हैं
पीड़ित ने लगाई उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार
पीड़ित ने शिकायती पत्र देकर न्यायालय का फैसला आने तक पैमाइश करने व कब्जा दिलाने पर रोक लगाने हेतु मांग किया है