जलालपुर तहसील परिसर में लेखपालों का कार्य करते हुए और कुर्सी पर बैठे हुए नजर आए अनाधिकृत लोग, तहसील में दलालो का हैं जमावड़ा
लेखपाल रविकांत त्रिपाठी ने रखा है प्राइवेट कर्मचारी आखिर इनको मिलती है कितनी सैलरी
कार्य करने के साथ-साथ लेखपाल के लिए वसूली का भी करता है कार्य अवैध कमाई से लेखपाल देते हैं इसको सैलरी
सवालो के घेरे में है तहसील जलालपुर का कार्यालय
न्यूज इंडिया डिजिटल के कैमरे में कैद हुई तहसील परिसर में लेखपालों का कार्य करते हुए अनाधिकृत लोगों की तस्वीरे
क्या कारण है आखिर क्यों बरस रही है उसे अधिकारियों की कृपा ऐसे भ्रष्ट लेखपाल पर
30 सितंबर को उपजिलाधिकारी जलालपुर ने तहसीलदार जलालपुर को जांच करने का दिए थे निर्देश
24 दिन बीत गए नहीं पूरी हुई अभी तक जांच तहसीलदार के द्वारा लेखपाल को बचाने का किया जा रहा भरपूर प्रयास
जनता सब देख रही है इतना सबूत होने के बावजूद भी तहसीलदार जलालपुर लेखपाल को बचाने का काम कर रहे हैं
7 वर्षों से एक ही क्षेत्र में काबिज है रसूखदार यह लेखपाल नियम 3 वर्ष का है आरके बाबू के मुताबिक
Suyash kumar mishra
संवाददाता अम्बेडकरनगर। जनपद के जलालपुर तहसील परिसर में तमाम लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है , जलालपुर तहसील परिसर में उठ रहे सवाल पर तहसीलदार तमाम सवालों के घेरे में,
बड़ा सवाल यह है कि तहसील परिसर के अंदर दलालों का जमावड़ा बना रहता है। यहां तक की शाम होने के बाद भी रात तक दलालों ने अपना दबदबा कायम बना रखा है।
जिस पर तहसीलदार जलालपुर किसी को कुछ कहना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए तहसील परिसर के अंदर राजस्व विभाग के कर्मचारियों की कुर्सी पर दलालों का कब्जा बरकरार है आपको बता दे कि लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, माल बाबू ,के द्वारा प्राइवेट लोगों को रखकर काम करवाया जा रहा है। वही विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेखपालों ने प्राइवेट मुन्शी रखा हुआ है।
यहां तक कानूनगो लोग भी प्राइवेट मुन्शी रखे हुए है समझ में नहीं आता इन लोगों को सरकार सैलरी कितनी देती है जो प्राइवेट मुन्शी तक रखे हैं।
इनके साथ-साथ अन्य प्राइवेट मुंशी की भी भरमार तहसील परिसर के अंदर अपना दबदबा बना रखा है। तहसील परिसर के अंदर कैमरा तो लगा है लेकिन दलालों का उठना बैठना वर्जित नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि प्राइवेट मुंशी सिर्फ वसूली का कार्य करते है इस वसूली में से अपना सैलरी भी लेते हैं और अपने अधिकारियों का जेब भी गरम करते हैं। जिस पर तहसीलदार जलालपुर सवालों के घेरे में आ चुके हैं।
अब देखने की बात यह है की खबर चलने के बाद सोए तहसीलदार जलालपुर दलालों का आना वर्जित करेंगे या फिर मामले में लीपा पोती करते हुए ऐसे ही दलालों का दर्द भरा कायम बना रहेगा।
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