तो अभी भी हाथी से मोह नहीं छोड़ पा रहे भाजपा के साथी

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तो अभी भी हाथी से मोह नहीं छोड़ पा रहे भाजपा के साथी

अभी भी जुबान पर आ रहा हाथी निशान कैसे खिलाएंगे कमल

डिप्टी सीएम की जनसभा के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने कहा 13 को हाथी की बटन दबाना,फिर बोले नही नही कमल

 अम्बेडकरनगर। बसपा की सफर तय करके भाजपा में आए पूर्व मंत्री को अभी भी बसपा का मोह नहीं छोड़ रहा हैं। पर्चा दाखिला के बाद आयोजित जनसभा में भाजपा के साथी की जुबान फिसल गई।भाजपा द्वारा शुक्रवार को आयोजित नामांकन सभा को संबोधित करते समय पार्टी प्रत्याशी धर्मराज निषाद की जबान फिसलने से कुछ लोग दंग रह गए तो कुछ अपनी हंसी नहीं रोक पाए। हुआ यह कि सभा को सम्बोधित करते हुए श्री निषाद ने कहा कि आने वाले 13 नवंबर को हाथी की बटन दबा कर भारी मतों से जिता देना। हालांकि इस चूक को समझते हुए पुनः उन्होंने कमल की बटन दबाकर भाजपा को जिताने की अपील की।भाजपा से धर्मराज निषाद के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब उप चुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना है। वह तीन बार कटेहरी से विधायक रह चुके हैं। सभी चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़ा था। धर्मराज निषाद की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। वर्ष 2018 में वह बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वर्ष 2022 में भाजपा ने उन्हें अकबरपुर विधानसभा में प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव में उन्हें सपा के रामअचल राजभर से हार का सामना करना पड़ा था।

इनसेट

17 वर्षों तक अपनी वि0 स0से दूर रहें नेता जी को जनता चखाएगी जीत का स्वाद या करेगी इग्नोर

कटेहरी विधानसभा में अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।इस सीट पर एक बार को छोड़कर कभी भाजपा का कमल नहीं खिला है। 2007 में बतौर बसपा उम्मीदवार जीत हासिल की थी। बसपा सरकार में मंत्री रहे धर्मराज की यहां मतदाताओं में कोई खास पकड़ अब नही मानी जा रही है। क्योंकि कई वर्षों से उन्होंने विधान सभा कटेहरी को छोड़कर कई अन्य विधान सभाओं में जाकर अपनी किस्मत आजमाते रहे। लगभग 17 वर्ष तक अपनी पुरानी विधानसभा से दूर रहे नेता को यहां की जनता जीत का स्वाद चखाएगी अथवा इगनोर करेगी चुनाव के बाद तय होगा किंतु इनके यहां लड़ने से दूसरे दलों में काफी मजबूती आ गई है।वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने धर्मराज निषाद को जनपद की अकबरपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी के हमराह हुए राम अचल राजभर ने इनको मात दी थी। धर्मराज निषाद नामांकन तो कर चुके है।अब परिणाम क्या होगा आने वाला समय बताएगा।

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सावधान आप इस समय थाना रामसनेहीघाट अंतर्गत हैं, यहां अपने आप को सुरक्षित महसूस करना जीवन की सबसे बड़ी भूल है, पुलिस से तो बिल्कुल उम्मीद ना करें, यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस थाने का रिकॉर्ड बता रहा है

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