टाण्डा अम्बेडकर नगर।
प्रतिदिन सरकार के लाखों रुपए का राजस्व छती पहुंचते हुए टांडा नगर में अवैध रूप से सवारियां ढो रही लगभग तीन दर्जन के अधिक डग्गामार प्राइवेट बसों का संचालन परिवहन विभाग के आरटीओ एवं पुलिस विभाग की मिलीभगत से जोर-शोर चल रहा है।
बताते चलें कि औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा से लगभग तीन दर्जन से अधिक प्राइवेट बसें लखनऊ,गोरखपुर, बस्ती,शाहगंज, बनारस, मऊ सहित तमाम जगहों पर सवारियां ढोने का काम करती हैं। जिसके कारण यहां से सरकारी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है और यही कारण है कि परिवहन विभाग के राजस्व को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके धड़ल्ले से चल रही प्राइवेट बसों पर कोई कार्यवाही अधिकारियों द्वारा अमल में नहीं लाई जाती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बसों का संचालन करने वालों की सेटिंग आरटीओ एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों से है। जिससे अधिकारियों को महीने में लाखों रुपए का फायदा होता रहता है। एक तरफ जहां सरकार राजस्व की वसूली सहित तमाम ऐसे कार्यों को संचालित कर रहा है कि जिससे सरकारी तंत्र का फायदा हो सके, परंतु वहीं दूसरी तरफ जनपद अंबेडकर नगर के अधिकारी कर्मचारी इस पर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। टांडा नगर के रोडवेज पर इन प्राइवेट बसों को खड़ी करने के कारण भयंकर जाम की स्थिति बनने लगी इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान लेकर शहर में उक्त बसों की इंट्री पर रोक लगा दिया था।
सूत्रों के बताये जाने के अनुसार बस संचालकों द्वारा सेटिंग करने के बाद पुनः उनकी इंट्री चालू कर दी गई जिस कारण शहर के रोडवेज पर राहगीरों को पुनः जाम का सामना करना पड़ रहा है।
अब प्रश्न है यह उठता है कि क्या परिवहन विभाग के अधिकारी इन बसों पर कोई कार्यवाही करेंगे या फिर मोटी रकम मिलने के कारण अपने आंख और कान दोनों बंद रखेंगे।