मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर हर घर रोजगार को लेकर सख्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए आदेशित किया है. यही नहीं एक बार फिर अधिकारियों से परिवार कार्ड की रिपोर्ट मांगी जा रही है.
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Good News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर हर घर रोजगार को लेकर सख्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए आदेशित किया है. यही नहीं एक बार फिर अधिकारियों से परिवार कार्ड की रिपोर्ट मांगी जा रही है. आपको बता दें कि राज्य सरकार का परिवार कार्ड बनवाने का उद्देश्य बेरोजगारी दर का डाटा तैयार करना है. ताकि पता चल सके कि राज्य में कितने परिवारों में अभी भी बेरोजगारी है. ताकि उसके हिसाब से संबंधित बेरोजगार को रोजगार मुहैया कराया जा सके. योगी सरकार फैमिली कार्ड को लेकर एक बार फिर सख्त हो गई है. आपको बता दें कि इस कार्ड पर भी आधार कार्ड की तरह 12 अंको नंबर अंकित करने के लिए कहा गया है. जिससे सरकार बेरोजगारी के सही आंकडे जान सकेगी.
क्या है हर घर नौकरी कवायद
आपको बता दें कि 2022 की सरकार जब चुनी गई थी. तभी मुख्यमंत्री योगी ने परिवार कल्याण कार्ड बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था. परिवार कार्ड का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी दर का पता करना था. ताकि हर घर को रोजगार से जोड़ा जा सके. यही नहीं ‘एक नौकरी प्रति परिवार’ (One Job Per Family) व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार ने राशन कार्ड को भी आधार बनाया था. अब उसकी समीक्षा अधिकारियों के साथ की जा रही है. क्योंकि इसी सरकार में फैमिली कार्ड का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने का उद्देश्य सरकार का बताया जा रहा है.
परिवार की जानकारी होगी दर्ज
आपको बता दें कि इस कार्ड में परिवार के बारे में सभी जानकारियां दर्ज होंगी. परिवार में कितने सदस्य हैं, उनकी शिक्षा क्या है, उनकी उम्र क्या है, कौन-कौन नौकरी करता है या रोजगार से जुड़ा हुआ है, यह सभी जानकारियां इस कार्ड में दर्ज होंगी. यही नहीं परिवार कार्ड को आधार से लिंक करने पर सरकार के पास उस परिवार से संबंधित सटीक जानकारी होगी कि किन परिवारों में एक भी व्यक्ति रोजगार से नहीं जुड़ा हुआ है. इसके अलावा, परिवार की सामाजिक स्थिति की भी जानकारी मिलेगी.
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