संदीप जायसवाल
टाण्डा – अम्बेडकर नगर ।अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाऐं करवा चौथ का व्रत रखकर पति के दीर्घायु होने की कामना चंद्रमा को अर्ध देकर किया ।निर्जला व्रत रखकर महिलाएं चंद्रमा को अर्ध देने के बाद अपने पति का दर्शन कर व्रत को पूरा किया।
सुहाग व सौभाग्य का प्रतीक यह व्रत पति और पत्नी के पवित्र रिश्ते में अटूट प्रेम को दर्शाता है। इस दिन भगवान भोले शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, चंद्रमा, और लक्ष्मी, विष्णु की पूजा करने का विधान है । इस दिन उपवास करने से वर्षों तक सौभाग्य बना रहता है। पत्ति के स्वस्थ व लंबे जीवन का वरदान पाने के लिए पत्नियां बड़ी श्रद्धा से इस व्रत को करती हैं। यह व्रत जितना पत्नियों के लिए प्रिय व उल्हास पूर्ण रहता है। उतना ही पति के लिए अपने प्रेम को दर्शाने और ज्योतिषीय महत्व से पत्नी जो कि शुक्र का कारक ग्रह है उसे प्रसन्न करने का अति उत्तम उपाय है। कितना शुभ संयोग होता है जहां एक और चंद्रमा का पूजन किया जाता है और उसी दिन शुक्र यानी कि स्त्रियां साज-सज्जा करके शुक्र को बलवान करती हैं। दोनों ग्रह ही धन और समृद्धि के लिए अति शुभ कारक हैं। इस दिन पति और पत्नी दोनों ही चंद्र देवता का पूजन कर दांपत्य जीवन में प्रेम, समृद्धि, खुशहाली की कामना किया।इसअवसर पर सुहागिनों ने चलनी के छिद्रों से चन्द्रमा को देख कर अर्ध्य दिया।