वि0खंड कटेहरी के0ग्रा 0प गौरा बसंतपुर में हुए भ्रष्टाचार मामले में हवा में टहल रहा डीएम का आदेश
जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने कार्यवाही का दिया था आदेश तो फिर क्यों कार्यवाही से पीछा खीच रहे साहिबान
सूचना विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के माध्यम से कार्यवाही करने की प्रकाशित कराई थी खबर
संवाददाता अंबेडकरनगर। सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति लागू कर भ्रष्टाचार को खत्म करना चाह रही हैं लेकिन जनपद में यह संभव नहीं हो पा रहा हैं। जिसकी एक नजीर वि0खं0कटेहरी के ग्राम पंचायत गौरा बसंत पुर में देखने को मिल रही हैं। पंचायत में हुए भ्रष्टाचार के मामले में जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम अविनाश सिंह ने भ्रष्टाचार करने वाले आरोपी और सचिव के विरुद्ध कार्यवाही करने का निर्देश दिया था।जिसकी प्रेस विज्ञप्ति भी सूचना विभाग के द्वारा जारी की गई थी। लगभग 15 दिन वीत जाने के बाद भी कार्यवाही न होना सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा हैं।आखिर डीएम एक बार आदेश कार्यवाही करने के लिए दिए और आज तक कार्यवाही ही नहीं हुई। इसका मतलब या तो डीएम ने हवा आदेश दे दिया या फिर डीएम के आदेश का पालन उनके मातहत ही नही कर रहे हैं।आप को बता दे कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार और घपला घोटाला आम बात हो गई हैं। इसी बीच विकास खंड कटेहरी के ग्राम पंचायत गौरा बसंत पुर का भी एक भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला आया। जिलाधिकारी ने गांव के निवासी राज कुमार पुत्र देवराज, राजित राम पुत्र ननकऊ कपूर चंद पुत्र जवाहर लाल के शिकायती पत्र पर ग्राम पंचायत में हुए विभिन्न विकास कार्यों में शासकीय धनराशि का दुर्पयोग,भ्रष्टचार तथा शिकायत कर्ताओं द्वारा लगाए गए अन्य आरोप की जांच के लिए जांच कमेटी गठित करते हुए जांच अधिकारी अनिल कुमार सिंह परियोजना निदेशक से एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांग ली।जांच अधिकारी ने अवर अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के साथ ग्राम पंचायत गौरा बसंत पुर का स्थलीय निरीक्षण कर विकास कार्यों तथा अभिलेखों की योजनावार गहन जांच कर रिपोर्ट बनाई।जांच के दौरान ग्राम प्रधान गौरा बसंत पुर ने बताया कि जब से वह प्रधान हुआ हैं। तब से आज तक उसका फर्जी हस्ताक्षर जहां आवस्यकता पड़ती थी विना प्रधान को बताएं प्रभात वर्मा पुत्र जोखू लाल वर्मा कर देते हैं।और विरोध करने पर धमकी भरी बात कहते हैं।और तत्कालीन में तैनात रही सचिव कंचन यादव प्रभात वर्मा को प्रधान मानती थी जब सचिव को रोकते थे तो वो भाई हमे डरवाती थी कि जांच होगी तो तुम जेल चले जाओगे इस लिए चुप ही रहो अब जब मैं प्रधान अपनी सम्पूर्ण जिम्मेदारी खुद निभाना चाहा तो हमारे खिलाफ ही प्रभात वर्मा दूसरे की हस्ताक्षर बनाकर करने लगे।
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जांच अधिकारी ने डीएम को सौंपी हैं यह जांच रिपोर्ट
जांच अधिकारी परियोजना निदेशक ने डीएम को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर) का उपयोग जबरदस्ती प्रभात वर्मा के द्वारा किया जा रहा था। जिसके माध्यम से बड़ी अनियमितता हुई हैं।जांच में पंचायत भवन बहुत ही खराब गुणवत्ता पूर्ण थी। अन्य कार्यों की पत्रावली मौके पर नहीं मिली जिससे कंचन यादव सचिव ने अपने पास रख लिया।इससे प्रतीत होता हैं कि ग्राम पंचायत की लाखों की धनराशि का गमन कर लिया गया हैं। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौप दी हैं।
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डीएम ने प्रेस नोट में कार्यवाही के लिए दिया हैं आदेश
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने सूचना विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा हैं कि तत्कालीन सचिव पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ ही प्रभात वर्मा के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराते हुए कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया हैं।
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मामले में लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से तमाम सवाल खड़े हो रहें हैं। चर्चा हैं कि मामले को दबाने का प्रयास जिले के हाकिम के द्वारा ही किया गया हैं।सवाल यह हैं कि जब मामले को मैनेज ही करना था तो साहब ने जारी प्रेस नोट में कार्यवाही का आदेश देकर क्यों वाह वाही लूटने लगे। सवाल यह हैं कि जारी प्रेस नोट के बाद भी कार्यवाही करने से साहब क्यों पीछे हट रहे हैं।
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यह बोले जांच अधिकारी
वही इस संबंध में जांच अधिकारी परियोजना निदेशक अनिल सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे जांच मिली थी मैंने जांच कर आख्या जिलाधिकारी को सौप दी हैं। अब कार्यवाही करना या कराना जिलाधिकारी का कार्य हैं।
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डीएम से नही हो सकी वार्ता
वही इस संबंध में जिलाधिकारी अविनाश सिंह से वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन एक बार उठा और फिर मीटिंग की बात बताते हुए फोन काट दिया गया।दुबारा फिर मिलाने पर नंबर बिजी कर दिया गया।