*गांधी के सपनों को तोड़ दिया गांधी आश्रम के रसूखदारों ने………*
*कई महीनो से वेतन और फंड न मिलने के कारण क्षेत्रीय गांधी आश्रम के कर्मचारियों का धरना पांचवें दिन अनवरत जारी*
*अन्य जनपद में कार्यरत क्षेत्रीय गांधी आश्रम के कर्मचारी कर रहे राजनीति_आरोप*
गोविंद साहब अंबेडकर नगर//
अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर एक और विचारधारा देश वासियों को दी थी, परंतु आज जनपद अंबेडकर नगर में गांधी आश्रम अकबरपुर में कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। वर्तमान और रिटायर्ड कर्मचारियों ने संस्था के मंत्री रमेश चंद्र तिवारी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। आरोप है कि तिवारी कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं और वेतन फंड जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम अकबरपुर एक बार फिर चर्चा में है। आरोप है कि आधार कार्ड के मुताबिक पूर्व मंत्री की जन्म तिथि 15 मई 1958 है। 18 नवंबर 2020 के प्रस्ताव संख्या छह के अनुसार सेवा का रिटायरमेंट 65 वर्ष है। जबकि पूर्व मंत्री 65 वर्ष तीन माह की सेवा के बाद अभी भी कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है हम अल्पबेतन भोगी
कार्य कर्ता है 15000/के लगभग
वेतन मिलता है 1,50000जमा है हम अपना व परिवार का पेट कैसे भरें। मीडिया के सामने लोगों द्वारा बताया गया बाहरी कार्य कर्ता दिवाकर सिंह,
रामू प्रसाद, मन्नूलाल तिवारी व शशिभूषण दूबे सब मिलकर सारा माहौल बिगाड रहे हैं मारने व मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर प्रताड़ित कर रहे हैं।
मंत्री रमेशचंद्र तिवारी की उम्र
67 वर्ष हो गयी है फिर भी पद पर बने रहने के लिए तरह-तरह
की योजना बनाने में लिप्त है।
*वेतन और फंड को लेकर नाराजगी*
धरने पर बैठे कर्मचारी संत बक्स यादव ने बताया कि वर्षों तक गांधी आश्रम में सेवा देने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों को उनका फंड नहीं मिला है। वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।कर्मचारियों ने बताया कार्यरत कर्मचारियों का मौजूदा में लगभग 1 करोड़ 25 लाख का वेतन बकाया है। पूर्व में गलेंडर रंगाई मशीन में कार्य करने वाले राम लखन सिंह ने बताया कि 2006 में मैं रिटायर हुआ लगभग 18 साल हो गया लेकिन अभी तक मेरा फंड नहीं मिला।
*अनुशासनहीनता का आरोप* लगाकर कर्मचारियों को निकालने का आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि जब भी वे अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते हैं, रमेश चंद्र तिवारी उन्हें अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। कृष्ण मोहन शुक्ला ने बताया कि वेतन न मिलने से कर्मचारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।
*मंत्री पद को लेकर विवाद*
धरने पर बैठे कर्मचारियों का यह भी कहना है कि रमेश चंद्र तिवारी, जो मंत्री पद पर काबिज हैं, अब इस पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उनकी उम्र अधिक हो चुकी है। कर्मचारियों की मांग है कि तिवारी को मंत्री पद से हटाया जाए और उनकी समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए। इस धरने में बनारसी यादव, गौतम दूवे, लल्लन प्रसाद, श्याम चंद्र, लोदी यादव और नथुनी सिंह सहित कई अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं। धरना तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।