



संवाददाता गोपाल सोनकर
अंबेडकरनगर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। भारत सरकार द्वारा सुरक्षा अभ्यास के अंतर्गत मार्क ड्रिल और ब्लैकआउट का आदेश जारी किया गया, जिसका पालन उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में करने के निर्देश दिए गए। इसी क्रम में जलालपुर कोतवाली क्षेत्र में सोमवार शाम को मार्क ड्रिल और रात 8:00 बजे से 8:30 बजे तक ब्लैकआउट किया गया।
जहां एक ओर पुलिस प्रशासन और सरकारी संस्थाओं ने निर्देशों का कड़ाई से पालन किया, वहीं आम जनमानस में इस अभियान को लेकर गंभीरता का अभाव देखा गया। जलालपुर ब्लॉक, तहसील, नगर पालिका, कोतवाली परिसर समेत अन्य सरकारी कार्यालयों ने ब्लैक आउट कर पूर्ण रूप से ब्लैकआउट का पालन किया। वहीं, दूसरी ओर कस्बे की सड़कों पर अधिकांश वाहन लाइटों के साथ चलते रहे और कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें खुली रखकर व्यापार करते हुए रोशनी का प्रयोग किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा की दृष्टि से किए गए इस महत्वपूर्ण अभ्यास को लेकर आम जनता में जागरूकता और सहयोग की कमी रही।
यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है — क्या हम एकजुट होकर देश की सुरक्षा में सहयोग देने को तैयार हैं? क्या केवल सोशल मीडिया पर आक्रोश दिखाना ही हमारी जिम्मेदारी है, या व्यवहार में भी देशहित में कदम उठाना होगा?