सहभोज के आयोजन से बना रहता हैं आपसी भाई चारा खत्म होते हैं मतभेद:-पुष्पा पॉल

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सहभोज के आयोजन से बना रहता हैं आपसी भाई चारा खत्म होते हैं मतभेद:-पुष्पा पॉल

जन शिक्षण केंद्र द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण द्वारा अयोजित किया गया सहभोज

संवाददाता अम्बेडकर नगर। जिले के रुधौली अदाई में जन शिक्षण केंद्र द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तत्वाधान में सावित्री बाई फूले नारी संघ जलालपुर द्वारा रुधौली अदाई की बहनों द्वारा सहभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जन शिक्षण केंद्र कि सचिव पुष्पा पाल ज़ी नें लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि सहभोज सामाजिक बंधुत्व को बनाये रखने के लिए सहभोज जैसे कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है जिससे समाज में अमन शांति भाईचारा बना रहे जिससे लोग एक दूसरे के प्रति नफरत ना करके प्रेम भाव ,एकजुटता के साथ रह सकें । प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले जी के अथक प्रयास के द्वारा महिलाओ को मुख्यधारा से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया है जिन्होंने गाँव,समाज, की अनेक जातियां शिक्षा से वंचित थी विशेषकर उसमे महिलाएं ज्यादा थी महिलाओ को उस समय पर शिक्षा से वंचित रखा जाता था।अनेक धर्मो के लोग रहनें के कारण समाज में कई प्रकार के भेदभाव, छुआछूत,ऊँच नीच, जैसी अनेक प्रकार कि रूढ़ियों के कारण समाज में हमेशा एक वर्ग दूसरे वर्ग के लोगों से उच्च समझकर दूसरे वाले वर्ग को नीचा दिखाने का कुत्सित प्रयास में लगा रहता है जिसके कारण उनके बीच हमेशा आपसी मतभेद बना रहता है। हमें सावित्री बाई के अमूल्य संघर्षो को याद करते है और हमें उनके आदर्शो पर चलने की कोशिश करनी चाहिए। जहाँ गाँव समाज दिन प्रति दिन बदल रहा है आदमी का व्यवहार बदल रहा है वहीं यदि महिलाओं कि स्थित और समाजिक मुख्यधारा से जुड़ने कि बात किया जाये तो आज भी समाज द्वारा महिलाओं के ऊपर अनेक प्रकार के बंधन से उनको जकड़ा गया है जिनसे उनका निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है यदि महिला चाहे तो वह समाज में और अपने घरों में भी वह अपने सास और ससुर जी के साथ बैठकर भोजन नही कर सकती है गाँव में अभी भी घरों में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है जो एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण में अपवाद के रूप में प्रायः हम सबके आस पास समाज में देखने को मिलती है । इसके बाद सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए 1090,181,112,102,108,1076, आदि टोलफ्री नंबरों के बारे में बताया, उपस्थित महिलाओं के साथ उनके द्वारा बनाये गये भोजन को उनके साथ भोजन किया और उनके इस प्रयासों कि सराहना कि और उन्होंने कहा कि यदि समाज में शांति लानी है तो वह महिलाओं के जरिये से शांति आ सकती है। महिलाये कमजोर है ऐसा कहना छोड़ दो रूढ़ी वादी परंपरा की जंजीरों को तोड़ दो, महिला सम्मान जिंदाबाद, महिला गरिमा जिंदाबाद, आदि नारों के साथ आज के कार्यक्रम का समापन किया गया । परियोजना समन्वयक राम स्वरुप, बी आर सी हेमलता सामुदायिक कार्यकर्त्ता पुनीता,रामहित,शशी अगुवा लीडर रेखा, मिथिलेश,बिन्दू , हीरावती, सीमा , निर्मला, त्रिवेणी प्रसाद के साथ साथ गाँव के सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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सावधान आप इस समय थाना रामसनेहीघाट अंतर्गत हैं, यहां अपने आप को सुरक्षित महसूस करना जीवन की सबसे बड़ी भूल है, पुलिस से तो बिल्कुल उम्मीद ना करें, यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस थाने का रिकॉर्ड बता रहा है

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सावधान आप इस समय थाना रामसनेहीघाट अंतर्गत हैं, यहां अपने आप को सुरक्षित महसूस करना जीवन की सबसे बड़ी भूल है, पुलिस से तो बिल्कुल उम्मीद ना करें, यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस थाने का रिकॉर्ड बता रहा है