जलालपुर तहसील अंतर्गत मुसलमान परिवार का जीना हुआ दुर्लभ संपत्तियों पर हो रहा है धड़ल्ले से कब्जा भाजपा सरकार में कैसे सुरक्षित रहेंगे मुसलमान
लेखपाल रविकांत त्रिपाठी का विवादों से रहा है पुराना नाता 7 वर्षों से यह रसूखदार लेखपाल है काबिज चलता है तहसील में इसका सिक्का
जिस लेखपाल पर लगा था आरोप लंबी डील करके जमीन कब्जा कराने का उसी को पैमाइश के लिए गठित टीम में भेज दिया गया
Suyash kumar mishra
जलालपुर अंबेडकरनगर – तहसील की खतौनी पर अवैध कब्जा करना सबसे आसान हो गया है लेखपाल और कानूनगो सेट करिए किसी की खतौनी पर अवैध कब्जा कर लीजिए। यह हम नहीं यहां निजी जमीनों पर किए जा रहे अवैध निर्माण इसकी गवाही दे रहे हैं।
ताजा मामला जलालपुर कस्बा के वाजिदपुर मुख्य मार्ग स्थित बेस कीमती खतौनी के जमीन की है। जिस पर तहसीलदार के सख्त आदेश के बावजूद विपक्षियों ने हल्का लेखपाल के मिली भगत कर रातोरात दीवाल बनाकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी वाजिदपुर की निवासिनी डॉक्टर जेवा लखनऊ में एक डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी खतौनी की जमीन जिसका गाटा संख्या 1527 और1525 जो वाजिदपुर मुख्य मार्ग पर है। जिसकी वर्तमान कीमत लगभग डेढ़ करोड रुपए है
इसी जमीन पर विपक्षी महेंद्र वर्मा आदि भू माफियाओं की बुरी नजर पड़ी और कब्जा करने का प्रयास करने लगे। जानकारी मिलने पर खतौनी धारक प्रोफेसर जेबा ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। उपजिलाधिकारी ने मामले के जांच के लिए जलालपुर तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव आदेशित किया।
तहसीलदार ने दोनों पक्षों को बुलाकर निर्धारित दिन को जांच पड़ताल कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही। लेकिन विपक्षी द्वारा तहसीलदार के आदेश को चुनौती देते हुए रात में ही निर्माण कार्य करवा लिया। पीड़ित को जानकारी होने पर दोबारा उप जिलाधिकारी और तहसीलदार को मामले से अवगत कराया।
तहसीलदार के निर्देश पर आज बुधवार को कानूनगो शिव पूजन के नेतृत्व में तीन लेखपाल रविकांत त्रिपाठी, राशिद अख्तर और संतोष कुमार को सहमति के आधार पर विवादित खतौनी की पैमाईश करने का निर्देश दिया। लेकिन विपक्षी द्वारा कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए पैमाईश नहीं होने दिया।
इस दौरान मौके पर मौजूद विपक्षियों द्वारा उच्चाधिकारियों को गालियां देते हुए चुनौती दिया कि देखते है कि किस भो ***** वाले की औकात है जो दीवाल को गिरा सके ।
जमीनों पर निर्माण के समय लगातार हो रहे विवाद के चलते नगर पालिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। आखिर वगैर नक्शे और परमिशन के नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य कैसे हो रहे है। जबकि इस तरह की विवादों की बचने के लिए ही नगर पालिका द्वारा नक्शा और परमिशन दिया जाता है लेकिन नगर पालिका द्वारा लगातार आंख बंद किए हुए है।
पीड़ित ने लगाया बड़ा आरोप
पीड़ित ने बताया कि मुसलमान होने के कारण हमारी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है खुलेआम दबंग लोग बाहुबल के ऊपर हमारे जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और अधिकारी लोग सिर्फ तमाशा देख रहे हैं जाति और मजहब के नाम पर हमें प्रताड़ित किया जा रहा है
सत्ता पक्ष नेताओं के दबाव में आकर अधिकारी लोग सही जांच कर लेखपाल के ऊपर नहीं कर रहे हैं
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