स्वरूप संवाददाता टाण्डा अम्बेडकर नगर।
*संदीप जायसवाल*
अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री व किलिंकर ढुलाई के ठेकेदारों की मनमानी से टाण्डा रेलवे स्टेशन के आसपास की आबादी के हजारों लोगों का जीना दूभर हो गया वहीं स्थानीय प्रशासन व पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आंख मूंदे हुए है।जबकि मंडल मुख्यालय अयोध्या पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी बराबर टाण्डा क्षेत्र में आकर ईंट भट्ठों का सर्बे व प्रदूषण के नाम आकर अपनी बंधी हुई वसूली करके चले जाते है लेकिन उन्हें टाण्डा रेलवे स्टेशन के पास घोर रूप से खुले आम प्रदूषण को दिखाई नही पड़ता है। बन्द साइडिंग के बावजूद खुले में सीमेंट बनाने वाले किलिंकर को उतारने व उसकी लोडिंग अनलोडिंग से पूरे इलाके में इतना गर्द व गुबार उड़ता है कि बिना कोहरे के ही कश्मिरिया मोहल्ला रायपुर,सकरावल ,कश्मिरिया नई बस्ती,अरखापुर
शमसुद्दीन पुर सुलेमपुर सिंचाई कालोनी हाइडिल कॉलोनी ग्राम चक मखदूमपुर तक के लोगों का जीना दूभर हो गया है।अधिकांश लोग सांस लेने की बीमारी से पीड़ित है।
ज्ञात हो कि जे पी सीमेंट कम्पनी ने वर्ष 2003 में जब ग्राम फत्तेपुर कनहोड़ा में सीमेंट कम्पनी कायम की थी तो सीमेंट में प्रयोग होने वाले पत्थर किलिंकर को उतारने हेतु टाण्डा रेलवे स्टेशन की साइड किराए पर रेलवे विभाग से अग्रीमेंट किया था उसके बाद जे पी सीमेंट कम्पनी ने उक्त कम्पनी को अल्ट्राएक के हाथों बीते वर्ष 27 जुलाई 2018 को ट्रांसफर कर दिया जब से अल्ट्राटेक कम्पनी आयी है तभी से रेलवे के बैगन द्वारा किलिंकर की रैक को बंद साइडिंग के अतिरिक्त खुले मैदान में उतारकर उसकी लोडिंग अनलोडिंग कराती है जिससे पूरे क्षेत्र में किलिंकर का गर्दा उड़ता है और दिन में भी गर्द व गुबार फैल जाता है।जिससे अंधेरा दिखाई पड़ने लगता है टाण्डा अकबरपुर मार्ग के किनारे खुले आम इस कृत्य से सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही है।आसपास के निवासियों ने बताया कि हम लोग कई बार इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की ओर आंदोलन भी चलाया लेकिन दो चार दिन बन्द होने के बाद उक्त कृत्य पुनः शुरू हो जाता है। आसपास के कोमल यादव,संतराम,दयाराम,रामअचल,
इश्तियाक अहमद ,इकबाल आदि ने बताया कि सीमेंट कम्पनी की मनमानी से पूरे इलाके के लोगों का जीना दूभर हो गया है। धुले कपड़े सुखाने के लिए डालो उसपर भी धब्बे पड़ जाते है साथ छतों पर पूरा गर्दा पटा रहता है।