प्रबन्धक ने नियम विरूद्ध नियुक्ति कर भतीजे को बना दिया प्रधानाचार्य, विभाग से हो रहा वेतन भुगतान
शिकायत के बाद भी कार्यवाही न कर जिला विद्यालय निरीक्षक ने,आंखों में बाधी पट्टी
विकास खंड कटेहरी के लक्ष्मी सरोज संस्कृत उ०मा० विद्यालय कुर्मीडीहा रामदासपट्टी का हैं मामला
संवाददाता,अंबेडकरनगर। अन्हरा बाटय सिन्नी, घरय घराना खाय, यह कहावत जिले के अहिरौली थाना क्षेत्र में स्थित एक संस्कृति विद्यालय के प्रधानाचार्य के ऊपर सटीक बैठ रहीं हैं। प्रधानाचार्य जी ने पद का दुर्पयोग करते हुए नियम के विरूद्ध विद्यालय में कई नियुक्ति कर डाली जिसमे कै लोग प्रधानाचार्य के घर खानदान के ही विद्यालय में नौकरी करते हुए सरकारी वेतन उठा रहें हैं। जब कि नियम यह हैं कि विद्यालय के प्रबंधक और प्रधानाचार्य अपने सगे संबंधियों का विद्यालय में नियुक्त नहीं कर सकते। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जनसूचना के माध्यम से जगन्नाथ ने जनसूचना मांगा तो मामले का खुलासा हो गया। मामले की शिकायत जगन्नाथ पुत्र स्व जगराम वर्मा ग्राम ने लिखित शिकायती पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक , संयुक्त शिक्षा निदेशक, शिक्षा निदेशक को देकर मामले को अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की। लेकिन सत्ता में पहुंच और धन बल बाहुबल होने के कारण कार्यवाही नही हो सकी । शिकायत कर्ता जगन्नाथ ने शिकायती पत्र के माध्यम से आरोप लगाया हैं कि जगदम्बा प्रसाद सिंह पुत्र जगवरन सिंह, अम्बिका प्रसाद सिंह पुत्र जगवरन, शीतल सिंह पुत्र जगवरन ग्राम कुर्मीडीहा रामदासअहिरौली,के मूल निवासी है। शिकायत कर्ता का आरोप है कि अंबिका प्रसाद सिंह लक्ष्मी सरोज संस्कृत उ०मा० विद्यालय कुर्मीडीहा रामदासपट्टी के प्रबन्धक पद पर नियुक्त हैं और जगदम्बा प्रसाद सिंह उप प्रबंधक हैं। शीतला सिंह विद्यालय के सदस्य हैं। ये तीनों सगे भाईयो ने निजी स्वार्थ के लिए विजय कुमार सिंह पुत्र जगदम्बा प्रसाद सिंह को प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त कर विभाग से सरकारी वेतन का लाभ दिला रहें हैं। जो कि नियम व शासना देश के विरूद्ध हैं। प्रबंधक और सदस्य पद पर रहने वाले के कोई भी रक्त संबंधी किसी पद का लाभ नहीं ले सकता। ऐसा शासन से नियम हैं। जब कि वहीं प्रधानाचार्य विजय कुमार सिंह ने विभाग से भी झूठ बोलते हुए झूठा शपथ पत्र दिया हैं कि प्रबंधक के रक्त संबंध में नही हैं। नियम विरूद्ध किए जा रहें इतने बड़े भ्रष्टाचार पर पर्दा जिला विद्यालय निरीक्षक क्यों डाल रहें हैं ये भी भविष्य के गर्व की बात हैं।
इनसेट
वहीं इस सम्बन्ध में जिला विद्यालय निरीक्षक से वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाईल नम्बर पहुंच से बाहर बताने के कारण वार्ता नही हो सकी।