ओंकार शर्मा
जलालपुर।अंबेडकरनगर। वृक्षारोपण अभियान वन विभाग की खाउ कमाऊ नीति का शिकार हो गया। कैसे आएगी हरियाली, कैसे खत्म होगा प्रदूषण जब विभाग द्वारा लगाए गए वृक्ष सुख जायेगे अथवा खरीदारी के बाद लगेगा ही नहीं।
यह हाल है जलालपुर तहसील के भियांव ब्लॉक स्थित करीमनगर और सड़क के किनारे लगाए गए पौध का जो देखरेख के अभाव और लापरवाही में सुख गए। विदित हो कि प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा वृक्षारोपण महा अभियान चलाया जता है।
इसी कड़ी में सभी विभाग बृक्ष लगकर उसे पाल पोषकर बड़ा करने की सौगंध खाते है। वृक्ष लगाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी वन विभाग की होती है।इसी महा अभियान में जलालपुर वन विभाग ने पाभीपुर से पिंडोरिया प्रधानमंत्री सड़क स्थित नहर के किनारे लाखो रुपए का पेड़ लगाया गया था जो सुख गया। इसी कड़ी में करीमनगर ग्राम पंचायत के खाली स्थान पर सैकड़ो पौध रखे गए हैं जो सुख चुके है। जिम्मेदारों ने इसकी रोपने की जरूरत ही नहीं समझी।
हर वर्ष वृक्षारोपण अभियान में लाखो रुपए खर्च होते हैं। बैठक कर और रैली निकाल कर लोगो को जागरूक करने का नाटक किया जाता है इतना ही नहीं शपथ दिलाई जाती है किंतु यह सभी दिखावा होता है। कागजात में करोड़ों पेड़ लगाए जाति है किंतु जमीनी हकीकत यही है। लाखो रुपए पानी की तरह खर्च हो गई किंतु पृथ्वी माता की कोख हरियाली से कोसो दूर है।
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