घर तक ही नहीं सीमित हैं महिलाएं,समाज के कल्याण में भी हैं का बड़ा योगदान :-पुष्पा पाल 

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घर तक ही नहीं सीमित हैं महिलाएं,समाज के कल्याण में भी हैं का बड़ा योगदान :-पुष्पा पाल

ग्रामीण महिला सशक्तिकरण परियोजना के तत्वाधान में जन शिक्षण केंद्र कुटियवा ने की बैठक

संवाददाता अम्बेडकर नगर। विकासखंड जलालपुर के ग्राम पंचायत भस्मा में जन शिक्षण केंद्र कुटियवा  द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण परियोजना के तत्वाधान में सावित्री बाई फूले नारी संघ के तहत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी संघ बहनो के साथ एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

परियोजना निदेशक पुष्पा पाल नें जानकारी देते हुए कहा की महिलाओं की जिम्मेदारी सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज के कल्याण में भी महिलाओं का योगदान हैं। महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस साल महिला दिवस शुक्रवार को है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की शुरूआत साल 1908 में हुई थी। 8 मार्च के दिन ही महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया था। इस दिन अमेरिका के न्यूयार्क शहर में महिलाएं अपने अधिकारों को पाने के लिए सड़क पर उतर आईं थीं।हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की थीम निर्धारित की जाती है. साल 2024 की थीम है- इंस्पायर इन्क्लूजन इसका मतलब है एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले.महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्‍सा हैं. वे किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं. समाज की प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी तमाम जगहों पर आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता. आज भी बराबरी के हक के लिए उन्‍हें कई मोर्चों पर लड़ना पड़ता है.। नारी संघ लीडरों के द्वारा नारी संघ जिंदाबाद, महिला अधिकार जिंदाबाद के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर परियोजना समन्वयक रामस्वरूप

सामुदायिक कार्यकर्त्ता पुनीता बी आर सी हेमलता और नारी संघ अगुवा बहनो में इंद्रावती ,पूनम,उर्मिला, रेखा,गीता,मिथलेश चमन, रंजना,कंचन, गीता, सरिता, चंद्रावती,शुशीला आदि नारी संघ कि बहनें उपस्थिति रहीं

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